Sunday, 7 July 2013

माँ


जब नींद आने लगे पढ़ते-पढ़ते,
तू होती तो कह देती की माँ एक कप चाय बना दे।

थक गई हूँ रुखी सुखी रोटी खा के
तू होती तो कह देती माँ जल्दी से परांठे बना दे।

यहाँ करूँ कोशिश रोज़ खुश रहने की,
तू होती तो कह देती की माँ मुंझे हँसा दे।

दूर निकल आई हूँ मैं अपने घर से,
तू होती तो कह देती माँ अपने आँचल में पनाह दे।

घर से दूर अपने मन को मार के मैं रहती हूँ,
तू होती तो कहती मुझको फिर से बच्चा बना दे।

जब सब से अलग इस मतलबी संसार से लडती हूँ,
तू होती तो माँ कहती की खुद को  मेरा ढाल बना ले।

मैं अगर दिखलाती नहीं, तेरी प्रवाह करती हूँ मैं माँ,
यूँ तो में बतलाती नहीं तेरे जाने से डरती हूँ में माँ तुझे सब है पता मेरी माँ।

भगवान् ने माँ इसलिए बनाई ताकि भगवान् जहाँ नहीं सके वहां माँ पहुँच सके।

मेरी तरफ से आज दुनिया की हर एक माँ को मदरर्स डे की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

No comments:

Post a Comment